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Some More Lines

. Tuesday, July 26, 2011

After the lines from gulal, recently some more lines caught my glimpses. It was again a movie and these lines give more than insights. These lines gives a feeling. Finally captured the lyrics of line and posting it here.

जब - जब  दर्द  का  बादल  छाया
जब  ग़म  का  साया  लहराया 
जब  आंसू  पलकों  तक  आया 
जब  यह  तनहा  दिल  घबराया 
हमने  दिल  को  यह  समझाया 
दिल  आखिर  तू  क्यूँ  रोता  है

दुनिया  में  यूँही  होता  है 
यह  जो  गहरे  सन्नाटे  हैं
थोडा  ग़म  है  सबका  किस्सा 
थोड़ी  धुप  है  सबका  हिस्सा 
आँख  तेरी  बेकार  ही  नाम  है 
हर  पल  एक  नया  मौसम  है 
क्यूँ  तू  ऐसे  पल  खोता  है 
दिल  आखिर  तू  क्यूँ  रोता  है

पिघले  नीलम  सा

पिघले  नीलम  सा  बहता  ये  समां 
नीली  नीली  सी  खामोशियाँ 
ना कहीं  है  ज़मीन  ना  कहीं  आसमान
कह  रही  हैं  बस  एक  तुम  हो  यहाँ 
बस  मैं  हूँ , मेरी  साँसे  हैं  और  मेरी  धड़कने 
ऐसी  गहराइयाँ , ऐसी  तन्हैयाँ , और  मैं … सिर्फ  मैं 
अपने  होने  पर  मुझको  यकीन  आ  गया

जिंदा  हो  तुम

दिलों  में  तुम  अपनी  बेताबियाँ  लेके  चल  रहे  हो , तोह  जिंदा  हो  तुम 
नज़र  में  ख्वाबो  की  बिजलियाँ  लेके  चल  रहे  हो , तोह  जिंदा  हो  तुम

हवा  के  झोकों  के  जैसे  आज़ाद  रहना  सीखो 
तुम  एक  दरिया  के  जैसे  लहरों  में  बहना  सीखो 
हर  एक  लम्हे  से  तुम  मिलो  खोले  अपनी  बाहें 
हर  एक  पल  एक  नया  समा  देखिये

जो  अपनी  आँखों  में  हिरनिया  लेके  चल  रहे  हो , तोह  जिंदा  हो  तुम 
दिलों  में  तुम  अपनी  बेताबियाँ  लेके  चल  रहे  हो , तोह  जिंदा  हो  तुम

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